Show Para
Question Numbers: 29-31
निर्देश: गद्यांश पढ़ें एवं निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें।
“हम मनुष्यों को कुछ-न-कुछ बनने का स्वप्न होता है। हम अपने स्वप्न को साकार रूप प्रदान करने के लिए उसे अपना आधार और लक्ष्य बना लेते हैं। अपने सपने के आधार पर अपने भविष्य की नींव रखना आरम्भ करते हैं। हमारा लक्ष्य कुछ भी हो सकता है। हम चिकित्सक, इंजीनियर, राजनेता, अभिनेता, सरकारी कर्मचारी, अध्यापक कुछ भी बनने की सोच सकते हैं। हमारी शिक्षा का स्तर भी लक्ष्य तक पहुँचने का मार्ग है। शिक्षा ही लक्ष्य तक पहुँचकर सपने को साकार करती है। यह मनुष्य के जीवन में बहुमूल्य रत्न के समान है, जो किसी के द्वारा चुराया व मिटाया नहीं जा सकता है। यक्ष द्वारा पूछे गए प्रश्न कि विदेश में मनुष्य का साथी कौन होता है? युधिष्ठिर द्वारा इसका उत्तर दिया गया “विद्या", महाभारत में युधिष्ठिर और यक्ष के इस संवाद से स्पष्ट हो जाता है कि शिक्षा प्राचीन काल से ही मनुष्य के जीवन में महत्त्वपूर्ण रही है।
निर्देश: गद्यांश पढ़ें एवं निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें।
“हम मनुष्यों को कुछ-न-कुछ बनने का स्वप्न होता है। हम अपने स्वप्न को साकार रूप प्रदान करने के लिए उसे अपना आधार और लक्ष्य बना लेते हैं। अपने सपने के आधार पर अपने भविष्य की नींव रखना आरम्भ करते हैं। हमारा लक्ष्य कुछ भी हो सकता है। हम चिकित्सक, इंजीनियर, राजनेता, अभिनेता, सरकारी कर्मचारी, अध्यापक कुछ भी बनने की सोच सकते हैं। हमारी शिक्षा का स्तर भी लक्ष्य तक पहुँचने का मार्ग है। शिक्षा ही लक्ष्य तक पहुँचकर सपने को साकार करती है। यह मनुष्य के जीवन में बहुमूल्य रत्न के समान है, जो किसी के द्वारा चुराया व मिटाया नहीं जा सकता है। यक्ष द्वारा पूछे गए प्रश्न कि विदेश में मनुष्य का साथी कौन होता है? युधिष्ठिर द्वारा इसका उत्तर दिया गया “विद्या", महाभारत में युधिष्ठिर और यक्ष के इस संवाद से स्पष्ट हो जाता है कि शिक्षा प्राचीन काल से ही मनुष्य के जीवन में महत्त्वपूर्ण रही है।
© examsnet.com
Question : 29
Total: 160
Go to Question: