सिंधु घाटी सभ्यता को खोज निकालने में दो भारतीय पुरातत्त्ववेत्ता राखालदास बनर्जी तथा दयाराम साहनी का नाम जुड़ा है। सर्वप्रथम 1921 ई. में दयाराम साहनी ने सर जॉन मार्शल के निर्देशन में हड़प्पा सभ्यता का अन्वेषण किया। पुन: मोहनजोदड़ों, जिसका सिंधी भाषा में अर्थ 'मृतकों का टीला' होता है की खोज सर्वप्रथम 1922 ई. में राखालदास बनर्जी ने करके इसके पुरातात्विक महत्त्व की ओर विद्वानों का ध्यान आकर्षित किया।