पानीपत की तीसरी लड़ाई 1761 ई. में मराठों और अहमदशाह अब्दाली के बीच हुआ था। इस युद्ध में मराठों की सेना का नेतृत्व सदाशिव राव भाऊ कर रहा था। इस युद्ध में मराठे बुरी तरह पराजित हुए। पानीपत की इस लड़ाई को इतिहासकार काशीराज पंडित ने स्वयं देखा था, उन्होंने इस युद्ध का प्रत्यक्ष दृष्टांत लिखा है।