' एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल' की स्थापना सर विलियम जोंस ने 1784 ई. में की थी। इसका मुख्यालय 'कलकत्ता' था। उस समय बंगाल के गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिग्स थे इन्हीं के निर्देशन में इसकी रूपरेखा तैयार हुई। इस संस्था का उद्देश्य प्राचीन भारतीय ग्रंथों का अनुवाद करना तथा भारतीय परंपराओं, संस्कृति आदि का अध्ययन करना था। इसी क्रम में भगवतगीता, अभिज्ञानशाकुन्तलम् जैसे ग्रंथों का अनुवाद किया गया।