प्रार्थना समाज की स्थापना आचार्य केशवचंद्र की महाराष्ट्र यात्रा से प्रभावित होकर महादेव गोविन्द रानाडे एवं डॉ. आत्माराम पाण्डुरंग ने 1867 ई. में बम्बई में की थी। रानाडे को 'महाराष्ट्र का सुकरात' तथा 'पश्चिमी भारत के पुनर्जागरण अग्रदूत' के रूप में जाना जाता है। 1871 ई. में उन्होंने 'सार्वजनिक समाज ' की स्थापना की। डी.के. कर्वे के सहयोग से 1867 में 'विधवा आश्रम संघ की स्थापना की साथ ही शिक्षा के प्रसार के लिए 1884 में 'डक्कन एजूकेशन सोसायटी' की स्थापना की।