42 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 में पारित हुआ। इसके कुछ महत्त्वपूर्ण संशोधन इस प्रकार है- ( 1 ) प्रस्तावना में 'पंथनिरपेक्ष' 'समाजवादी' तथा 'अखण्डता' शब्द जोड़े गए। (2) अनुच्छेद 51 (क) (भाग-IV क) के तहत 10 मौलिक कर्तव्य जोड़े गए ( 11 वां मौलिक कर्तव्य - 6-14 वर्षों के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करवाना 86 वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 के तहत जोड़ा गया था। ) (3) कुछ विषय-वन तथा वन्यजीवों का संरक्षण, शिक्षा, माप-तौल, जनसंख्या नियंत्रण, न्याय प्रशासन आदि को समवर्ती सूची में स्थानांतरित कर दिया गया। (4) राष्ट्रपति, मंत्री परिषद् की सलाह के मानने के लिए बाध्य माना जाएगा। (5) लोक सभा तथा विधान सभाओं का कार्यकाल 6 वर्ष कर दिया गया। पंचायती राज संस्थाओं के संगठन, चुनाव , वित्त तथा कार्यों आदि के संबंध में प्रावधान करके पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिकता प्रदान की गई। 98 वां संविधान संशोधन अधिनियम 2013 में पारित किया गया, जिसके तहत कर्नाटक क्षेत्र को विकसित करने के लिए शक्ति प्रदान की गई।