हड़प्पाकालीन लोग पशुपालन भी बडे पैमाने पर करते थे। पालतू पशुओं में प्रमुख थे- गाय, बैल, भैंस, बिल्ली, कुत्ता, हाथी, बकरी, भेड़, सूअर, ऊँट एवं गधे इत्यादि। भारवाहक पशुओं में ऊँट की प्रमुखता थी तथा यहाँ पहली बार अंकुश में मछली पकड़ी गयी और मुर्गी पालतू बनाई गई। गैंडा के साक्ष्य आमरी से प्राप्त मुहर से मिले हैं। घोड़े का ढांचा सुरकोटड़ा से, घोड़े के दांत राना घुण्डई एवं लोथल से टेराकोटा पर घोड़े का चित्रण प्राप्त हुआ है। परन्तु यहाँ के लोग शेर से परिचित नहीं थे।