मगध में आधुनिक पटना, गया तथा शाहाबाद जिले का कुछ हिस्सा ( उत्तरी बिहार ) समाहित था। मगध अपने समय का सबसे शक्तिशाली राज्य हर्यक वंश (544 ई.पू. से 412 ई.पू. तक) के समय से (बिम्बिसार के शासनकाल में) बना। बिम्बिसार ने मगध की राजधानी राजगृह को बनाया (बिंबिसार, बुद्ध के समकालीन था) उसके बाद बिम्बिसार के पौत्र उदयिन। उदयभद्र ने राजगृह से राजधानी बदलकर पाटलिपुत्र को मगध की राजधानी बनाया। हर्यक वंश के बाद मगध पर शिशुनाग वंश (412 ई.पू.-344 ई.पू) का शासन स्थापित हुआ। इस वंश के संस्थापक शिशुनाग ने अवन्ति राज्य की विजय के बाद मगध की राजधानी गिरिब्रज के अतिरिक्त वैशाली को अपनी दूसरी राजधानी बनाया। जो बाद में उसकी प्रधान राजधानी बनी। मगध राज्य के दक्षिण-पश्चिम में मध्य भारत में स्थित (आधुनिक बुंदेलखण्ड क्षेत्र ) वत्स राज्य की राजधानी कौशाम्बी थी।