पराबैंगनी किरणें (UU'S) सूर्य से उद्गमित ( या अन्य कृत्रिम स्रोतों से) विद्युत चुम्बकीय किरणें हैं जिनकी तरंगदैर्ध्य 10 नैनोमीटर (30PHZ) से 400 नैनोमीटर (750THZ) होती है, जो पृथ्वी पर आने वाले दृश्य प्रकाश से छोटी तथा x -किरणों से बड़ी होती है। अधिकांश पराबैंगनी किरणें ओजोन परत द्वारा रोक दी जाती हैं या अवशोषित कर ली जाती हैं। पराबेंगनी किरणों मुख्यत: तीन प्रकार UVA,UVB एवं UVC होते हैं। जिनकी तरंगदैर्ध्य नैनोमीटर में क्रमशः 315−400 , 280-315 तथा 100−280 होती है। तथा सबसे खतरनाक UVC और इससे छोटी तरंगदैर्ध्य वाली UV किरणें ओजोन परत द्वारा अवशोषित कर ली जाती है, परन्तु कुछ मात्रा में UVA पृथ्वी तक पहुँच जाती है हालांकि UV किरणें विटामिन D का सबसे बढिया प्राकृतिक स्रोत है परन्तु अधिक मात्रा में (8\% से ऊपर ) इन किरणों के पृथ्वी पर आने पर स्किन कैंसर, DNA का किवणन, प्रिमेच्योर एजिंग, सनवर्न ( इरीथेमा ) तथा टेनिंग जैसी ला-इलाज बीमारियाँ हो सकती है इसलिए मनुष्य और जीवों को UV किरणों से बचाने वाली ओजोन परत का संरक्षण अति आवश्यक है, जिसे सबसे ज्यादा खतरा क्लोरोफ्लोरो कार्बन ( CFC) से है।