भारत में हरित क्रांति की शुरुआत -1966-67 में हुई। इसे तकनीकी क्रांति/ आगत आधारित क्रांति तथा पैकेज क्राति कार्यक्रम भी कहा जाता है। हरित क्रांति चार आगतों से संबंधित है:- उन्नत किस्म वाले बीज ( HYV′S) , रासायनिक उर्वरक, कीटनाशक तथा सिंचाई। 1950 के दशक में मैक्सिको में भुखमरी फैलनें के कारण अमेरिका के कृषि वैज्ञानिक नोर्मन बॉरलॉग ने गेहूँ की आधुनिक किस्म (PL-480) तैयार कर वहाँ की खाद्यान्न उत्पादकता को बढ़ाकर एक दशक के अंदर खाद्यान्न में मैक्सिको को आत्मनिर्भर बना दिया। इसलिए इन्हें हरित क्रांति का जनक कहा जाता है, जिसके लिए इन्हें 1970 में नोबेल शांत पुरस्कार से सम्मानित किया गया। भारत में हरित क्रांति के जनक कृषि वैज्ञानिक डॉ. स्वामीनाथन है। जिनकी वजह से एक दशक में ही ( 1975 तक ) भारत खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया। हरित क्रांति की शुरुआत के समय भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी थी। इस क्रांति द्वारा पारंपरिक कृषि को आधुनिक तकनीकी आधारित कृषि से प्रतिस्थापित किया गया। नोट- वर्गीज कुरियन भारत में श्वेत क्रांति ( दुग्ध क्रांति ) के जनक है, जिसके कारण भारत सन् 2000 से ही दुग्ध उत्पादन में विश्व में अग्रणी बना हुआ है। इन्होंने दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए ऑपरेशन फ्लड चलाया था।