छत्तीसगढ़ राज्य की 5 विशेष पिछड़ी जनजातियों में अबूझमाड़िया, नारायणपुर जिले में पाई जाती है। इसे माड़िया जनजाति की उपजाति माना जाता है। कक्सार उत्सव अबूझमाड़िया आदि- वासियों में एक महत्त्वपूर्ण पर्व के रूप में मनाया जाता है। इसमें स्त्री-पुरुष अपने-अपने अर्घवृत्त बनाकर सारी रात नृत्य करते हैं। कक्सार के अवसर पर वैवाहिक संबंध भी तय किये जाते हैं, इस तरह यह अविवाहित लड़के- लड़कियों के लिए अपने जीवन साथी चुनने का अवसर भी होता है तथा इस अवसर पर गाये जाने वाले गीत कक्सारपाटा कहा जाता है। गोंचा- बस्तर में प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा को गोंचा कहा जाता है, यह बस्तर का महत्त्वपूर्ण आयोजन है इसका आयोजन आषाढ़ शुक्ल पक्ष में होता है। धेरसा- कोरवाओं द्वारा जनवरी में सरसों दाल आदि फसल काटनें के बाद यह उत्सव मनाया जाता है। दियारी-बस्तर क्षेत्र में दीपावली के दूसरे दिन बैलों को खिचड़ी खिलाकर यह त्योहार मनाया जाता है। करमा /करम पर्व- कर्म की जीवन में प्रधानता इस पर्व का महत्वपूर्ण संदेश है, यह पर्व भाद्र मास में पड़ता है। यह उरांव, बैगा, बिंझवार, गोंड आदि जनजातियों का महोत्सव है।