भारतीय संविधान के भाग-2 में नागरिकता संबंधी प्रावधान अनुच्छेद 5 से 11 तक किये गए है। भारतीय संविधान भारत में एकल नागरिकता पद्धति को स्वीकार करता है। भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955( संशोधन-1986) के अनुसार , किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता पाँच विधियों द्वारा प्राप्त हो सकती है। ये पाँच विधियाँ है - जन्म से, उत्तराधिकार से, पंजीकरण द्वारा, देशीयकरण द्वारा तथा किसी क्षेत्र के सम्मिलित किये जाने से इत्यादि। पंजीकरण द्वारा-भारतीय मूल के लोग, जो पंजीकरण का आवेदन करने से पहले भारत में सामान्य रूप से विगत 5 वर्षों तक भारत में रह चुके हो, को भारत की नागरिकता प्राप्त हो सकेगी। जबकि इसी विधि द्वारा राष्ट्र- मण्डल देशों के नागरिक (अपवाद- पाकिस्तान एवं बांग्लादेश), भारतीय नागरिक के साथ वैवाहिक संबंध में व्यक्ति या भारतीय नागरिकों (P10/OCI) के अवयस्क बच्चों को भारतीय नागरिकता 7 वर्ष भारत में रहने (अतिम वर्ष) पूरे 12 महीने, पिछले 6 वर्ष - कम से कम प्रत्येक साल 6 महीने पर ही प्राप्त होगी।