1920 में कांग्रेस का अधिवेशन नागपुर में आयोजित किया गया, इस अधिवेशन के निर्णय अनुसार असहयोग आंदोलन के तहत विदेशी वस्त्रों, स्कूलों, न्यायालयों सरकारी नौकरीयों, उपाधियों का त्याग, मद्य निषेध हेतु आंदोलन एवं खादी व राष्ट्रीय स्कूलों एवं पंचायतों को बढ़ावा दिया गया। तथा इसी आंदोलन के दौरान ई. राघवेंद्र राव, ठाकुर प्यारेलाल सिंह, घनश्याम सिंह गुप्त तथा रत्नाकर झाँ जैसे वकीलों ने वकालत का त्याग कर दिया।