1857 की क्रांति एवं वीर नारायण सिंह के बलिदान से प्रभावित होकर रायपुर सैनिक टुकडों के तीसरी सेना के मेग्ज़ीन लश्कर हनुमान सिंह ने जनवरी 1858 में विद्रोह कर दिया और मेजर सिडबेल की हत्या कर दी। अंग्रेजो ने विद्रोह का दमन कर राजद्रोह के आरोप में अनेक लोगों को मृत्युदण्ड दिया। हनुमान सिंह बचकर फरार हो गए, उन्हें छत्तीसगढ़ का मंगल पाण्डेय कहा जाता है।