1206 ई. में मुहम्मद गोरी की मृत्यु के बाद दिल्ली सल्तनत पर उसके दास कुतुबुद्दीन ऐबक (1206-1210) को दिल्ली का सुल्तान बनाया गया। तत्पश्चात् दिल्ली पर दास/गुलाम वंश/तुर्क वंश/इल्बरी वंश/ ममलूक वंश की स्थापना हुई। इसके बाद दिल्ली की गद्दी पर ऐबक के दामाद इल्तुतमिश (1211-1236 ई.) को दिल्ली का सुल्तान बनाया गया। इसी समय मंगोल शासक (मंगोलिया) चंगेज़ खान (31 मई, 1162-25 अगस्त, 1227 (वास्तविक नाम-तेमुजिन ) ने 1221 ई. में दिल्ली पर आक्रमण किया। परन्तु ख्वारिज्मशाह के भागे हुए शहजादे जलालुद्दीन मंगबरनी को इल्तुतमिश ने सहायता न देकर ना केवल दिल्ली सल्तनत की मंगोलों से रक्षा की बल्क उससे उत्पन्न परिस्थितियों से लाभ उठाया।