ताना भगत आंदोलन (सत्याग्रह ), 1914 में झारखण्ड की उराँव जनजाति समाज ने शुरू किया। यह गाँधीजी के सत्याग्रह (अहिंसा ) से भी पहले का सत्याग्रह है। इसके अग्रणी नेता आरांव संत जतरा भगत तथा तूरिया भगत थे। यह आंदोलन ब्रिटिश द्वारा ज्यादा कर लगाने के खिलाफ हुआ, इसाए यह जमींदारी विरोधी, मिशनरी विरोधी तथा ब्रिटिश विरोधी सत्याग्रह था। इस आंदोलन का प्रांरभिक चरण कुरुख धर्म (उराँव जनजाति का वास्तविक धर्म ) कहलाया। ताना भगत ( धर्म-सर्ना ), उराँव जनजाति की उप-जनजाति है।