स्वतंत्रता के पूर्व छत्तीसगढ़ का क्षेत्र मराठों के अधीन नागपुर राज्य का हिस्सा था, जिसका 1854 में हड़प नीति के तहत डलहौजी ने अधिग्रहण कर लिया, और नागपुर सहित छत्तीसगढ़ का क्षेत्र ब्रिटिश राज्य में शामिल हो गया। 1861 ई. को नए प्रांत के रूप में मध्य प्रांत का गठन किया गया तथा छत्तीसगढ इसमें शामिल था, जिसमें रायपुर एवं बिलासपुर को जिला बनाया गया। 1862 में छत्तीसगढ़ को एक संभाग का दर्जा दिया गया, जिसके अंतर्गत रायपुर, बिलासपुर तथा संबलपुर तीन जिले बनाए गए थे। संबलपुर पहले बंगाल प्रांत में था, 1862 में सेंट्रल प्रांत में शामिल किया गया। 1905 (बंग-भंग) में बंगाल प्रांत एवं मध्यप्रांत का पुनर्गठन हुआ। संबलपुर ओडिशा में शामिल किया गया, जिससे वर्तमान छत्तीसगढ़ की सीमाएँ सुस्पष्ट हुई।