मराठों ने 1771 में मैसूर पर हमला किया। लेकिन अंग्रेजों ने मद्रास की संधि का सम्मान करने से इनकार कर दिया और हैदर अली को समर्थन नहीं दिया।
परिणामस्वरूप, हैदर अली के राज्य क्षेत्र मराठों द्वारा ले लिए गए। उसे मराठों के साथ 3 लाख रुपये की राशि और दूसरी वार्षिक रुप में शांति खरीदनी पड़ी।
इससे हैदर अली नाराज था और अंग्रेजों से नफरत करने लगा था।
जब हैदर अली के प्रभुत्व के तहत फ्रांस ने महे पर हमला किया, तो उसने 1780 में अंग्रेजों पर युद्ध की घोषणा की।
युद्ध के दौरान:
हैदर अली ने निज़ाम और मराठों के साथ गठबंधन किया और अर्कोट में ब्रिटिश सेना को हराया।
1782 में हैदर अली की मृत्यु हो गई और युद्ध उसके बेटे टीपू सुल्तान ने जारी रखा।
सर आइरे कूट, जिसने पहले हैदर अली को कई बार हराया था, ने मैंगलोर की संधि के साथ युद्ध को अनिश्चित रूप से समाप्त कर दिया।
वॉरेन हेस्टिंग्स (1773 से 1785 तक गवर्नर-जनरल) उन कई महत्वपूर्ण व्यक्तित्व में से एक थे जिन्होंने कंपनी की शक्ति के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनके समय तक कंपनी ने न केवल बंगाल में बल्कि बम्बई और मद्रास में भी सत्ता प्राप्त कर ली थी।
ब्रिटिश प्रदेशों को व्यापक रुप से प्रेसीडेंसी नामक प्रशासनिक इकाइयों में विभाजित किया गया था।
तीन प्रेसीडेंसी थी: बंगाल, मद्रास, और बम्बई। प्रत्येक पर एक गवर्नर का शासन था।
प्रशासन का सर्वोच्च प्रमुख गवर्नर-जनरल था।
पहले गवर्नर-जनरल वारेन हेस्टिंग्स ने कई प्रशासनिक सुधारों की शुरुआत, विशेष रूप से न्याय के क्षेत्र में की।