भारत में सभी लेन-देन जिनमें विदेशी मुद्रा शामिल है, विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा), 1973 द्वारा विनियमित किए जाते है। फेरा (FERA) का मुख्य उद्देश्य देश के विदेश मुद्रा संसाधनों का संरक्षण तथा उचित उपयोग करना था। आर्थिक सुधारों तथा उदारीकृत, परिदृश्य के प्रकाश में फेरा को एक नए अधि नियम द्वारा प्रतिस्थापित किया गया जिसका नाम विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनिमय (फेमा) 1999 है।