उपर्युक्त तीनों कथन सत्य है। ● ब्रह्म समाज (1828 ई.) - 1828 में राजा राममोहन राय ने ब्रह्मसभा की स्थापना की जो 1829 में ब्रह्म समाज बन गया। इस सभा/समाज का उद्देश्य अपनी मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म में सुधार लाना तथा एकेश्वरवाद की उपासना, मूर्तिपूजा का विरोध, पुरोहितवाद का विरोध, अवतारवाद का खण्डन एवं जाति प्रथा पर प्रहार करने हेतु शैव विवाह प्रद्धति को अपनाने पर जोर दिया जाना था। ● आर्य समाज- 1875 ई. में बंबई में स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की तथा 1877 में इसका मुख्यालय लाहौर को बनाया। तदापि यह सुधार आंदोलन पंजाब व उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक लोकप्रिय हुआ। इन्होंने प्राचीन वैदिक धर्म की स्थापना की बात की तथा "वेदों की ओर लौटो" का नारा दिया। इस सुधार आंदोलन द्वारा इन्होंने शूद्र तथा स्त्रियों को वेद पढने, ऊँची शिक्षा के विकास पर बल दिया। ● रामकृष्ण मिशन - अपने गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस के अवसान के बाद उनकी स्मृति स्वरूप 1 मई, 1897 को स्वामी विवेकानंद (वास्तविक नामनरेंद्र दत्तनाथ ) ने बंगाल में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। यह हिन्दू धर्म के उत्थान के लिए गठित किया गया था। स्वामी विवेकानंद को नव हिंदू जागरण का संस्थापक तथा 'आधुनिक राष्ट्रीय आंदोलन का आध्यात्मिक पिता' भी कहा जाता है।