तमिलनाडु के कलपक्कम ( काचीपुरम-जिला ) में 440 मेगावाट क्षमता का नाभिकीय संयंत्र स्थापित है, जिसे भारत सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम NPCIL द्वारा संचालित किया जाता है। इसका नाम मद्रास एटोमिक पावर स्टेशन (MAPS) है तथा यह प्रेसराइज्ड़ हैवी वाटर रियेक्टर (PH-WR) प्रकार का परमाणु केन्द्र है। भारत में कुल विद्युत का केवल 3.5% (6780 मेगावाट ) परमाणु ऊर्जा केन्द्रों द्वारा उत्पादित किया जाता है। भारत का पहला भारी जल संयंत्र नांगल (पंजाब) में 1962 में स्थापित किया गया था। उसके बाद बड़ोदा, तूतीकोरिन, कोटा, थाल, मानुगुरु, हजीरा एवं मंगलुरु आदि में भारी जल संयंत्र स्थापित किये गए। ये संयंत्र भारी जल (D2O) का उत्पादन करते हैं, जिसका उपयोग परमाणु ऊर्जा या अनुसंधान रियेक्टरों में मोडरेटर (मंदक) एवं कूलेंट (शीतलक) की तरह होता है