टिन की प्राप्ति केसेटेराइट अयस्क द्वारा होती है। रक्षा क्षेत्र में उपयोगी टिन धातु का उपयोग मिश्रित धातु बनाने, लोहे की चादरों पर जंग रोधी परत लगाने, बर्तन उद्योग, अस्त्र-शस्त्र उद्योग, पेंट उद्योग एवं कपड़ों को रंगने में भी होता है। देश का एकमात्र टिन अयस्क उत्पादक राज्य छत्तीसगढ़ है। यहाँ टिन का लगभग 32.62 मि.टन भण्डार है, जो देश के भण्डार का 37.69% है। इसका उत्खनन छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम द्वारा किया जा रहा है। राज्य में टिन अयस्क सुकमा जिले के गोविंदपाल, चितलनार एवं कोंटा तथा दंतेवाड़ा जिले के दंतेवाड़ा, तोंगपाल, बचेली एवं कटेकल्याण में पाया जाता है। BARC की सहायता से रायपुर में 2 टन वार्षिक क्षमता का संयंत्र लगाया गया है। भारत मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से टिन आयात करता है।