दक्षिण में अमीरान-ए-सादा के विद्रोह के फलस्वरूप मुहम्मद-बिन- तुगलक के समय में 1347 ई. में बहमनी सल्तनत की स्थापना हुई थी। बहमनी सल्तनत का संस्थापक अलाउदीन हसन बहमनशाह (1347-58 ई.) था। उसने गुलबर्ग को बहमनी सल्तनत की प्रथम राजधानी बनाया तथा उसका नाम अहसानाबाद रखा। उसने सम्पूर्ण बहमनी सल्तनत को शासकीय दृष्टि से चार तरफों (प्रान्तों) में वि भक्त किया था, ये चार प्रांत थे-गुलबर्ग, दौलताबाद, बरार एवं बीदर। इसी वंश के शासक शिहाबुदीन अहमद प्रथम (1422- 46 ई.) ने गुलबर्ग के स्थान पर बीदर को राजधानी बनाया।। इसका नाम मुहम्मदाबाद रखा गया। इसका शासनकाल न्याय एवं धर्मनिष्ठता के लिए चर्चित था। इसलिए इतिहास में इस शासक को 'संत अहमद' ( अहमदशाहवली) कहा गया है। सन् 1687 ई. में औरंगजेब ने अंतिम बहमनी प्रांत गोलकुण्डा को अपने मुगल साम्राज्य में मिला लिया।