वायुमण्डल धरातलीय जल, मृदा, जीवित जीवों, महासागरों एवं अवसादों में चक्रीय रूप से या प्राकृतिक रूप से अल्प मात्रा में अनेक भारी या सूक्ष्म मात्रिक धातुएँ उपस्थित रहती है। इन में से कुछ धातुएँ जैसे सीसा (लेड), पारा तथा कैडमियम आदि मानव के साथ-साथ स्तनपायियों के लिए भी अधिक घातक माने जाते हैं। सीसा (Lead)-गैसोलिन में उपस्थित सीसा के यौगिक वाहकों के रेचन से वाष्पशील लेड हैलाइड्स (क्लोराइड्स ब्रोमाइड्स ) के रूप में वायु में पहुँच जाते हैं। गैसोलिन में लगभग 75% सीसा जलकर लेड हैलाइड्स के रूप में रेचन गैसों के रूप में वाहनों के पाइप से निकल आता है। सीसे के प्रभाव से बच्चों के लिए जोखिम अधिक बढ़ जाता है तथा यह तंत्रिका तंत्र, रक्त संरचरण तंत्र, मस्तिष्क आदि को बहुत नुकसान पहुँचाता है। पारा (धात्विक प्रदूषण) के कारण मिनीमाता रोग और कैडमियम के कारण इटाई-इटाई रोग होता है।