मॉन्ट्रियल संधि या प्रोटोकॉल ( 1987 )-यह प्रोटोकॉल ओजोन क्षरण की रोक के लिए समय-सारणी निर्धारित करता है। इसके अनुसार गैर-हिस्सेदारों को एवं इनके द्वारा ओजोन क्षति कारक पदार्थों क्लोरोफ्लोरो कार्बन्स (CFC's) एवं हैलोनों का आयात- निर्यात प्रतिबंधित करना होगा। इस संधि वे अंतर्गत विकसित देशों को सन् 2000 तक CFC का उपभोग समाप्त करना था। विकास- शील देशों ने वर्ष 2005 तक CFC 's के उत्पादन एवं उपभोग को प्रतिबंधित करने के लिए स्वयं को प्रतिबद्ध किया। साथ ही वर्ष 2007 तक 95% की कमी लाने की प्रतिबद्धधता भी जाहिर की। यह संधि 1 जनवरी, 1989 से प्रभावी है। तथा विकासशील देशों को लक्ष्य प्राप्ति हेतु 10 वर्षों का अतिरिक्त समय दिया गया है।