1922 में वन अधिकारियों के बेगार, शोषण के विरुद्ध एवं स्थानीय लोगों के वन सम्पदा के प्रयोग को लेकर धमतरी जिले के नगरी क्षेत्र में सत्याग्रह प्रारंभ हुआ, जिसे सिहावा-नगरी सत्याग्रह भी कहते हैं। यह एक जंगल सत्यग्रह था इस आंदोलन का नेतृत्व पंडित सुंदरलाल शर्मा, नारायणराव मेघावाले एवं बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव आदि नेताओं ने किया तथा सत्याग्रह के दौरान पं. संदुरलाल शर्मा, नारायणराव मेघावाले सहित कई सत्याग्रहियों को दंण्डित कियागया।